Friday, October 17, 2008

अबैध शराब का धंधा बदस्तूर जरी, पान दुकान पर शराब बेचते bachhe

Oct 14, 08:59 pm

बछवाड़ा (बेगूसराय) मधुवन, मधुशाला, छलकते जाम, प्यासा सावन, तृप्ति, साकिया, मैखाना और न जाने क्या-क्या। देशी, विदेशी व मसालेदार शराब की दुकान आज हर चौक-चौराहे की शोभा बढ़ा रही है। बावजूद इसके शराब माफिया द्वारा गली-गली में शराब की अवैध बिक्री बदस्तूर करायी जा रही है। ऐसी बात भी नहीं है कि इससे मद्य निषेध विभाग के अधिकारी या स्थानीय प्रशासन अनभिज्ञ हैं। बताया जाता है कि शराब का यह अवैध धंधा इन्हीं की छत्रछाया में चलाया जा रहा है। शराब का यह अवैध धंधा नियम कानून की धज्जी उड़ाते हुए मंदिर, मस्जिद व स्कूलों के निकटवर्ती क्षेत्र को भी नहीं बख्शा है। नारेपुर झमटिया ढाला जहां गंगा स्नान करने हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं वहां मंदिरों के आसपास अवैध शराब चाय-पान की दुकानों में भी उपलब्ध रहती है। आश्चर्य तो तब हुआ जब 12 वर्षीय एक बच्चा को देशी शराब का पाउच बेचते देख गया। नारेपुर पश्चिम बाजार, रानी, गोधना, सूरो, मुरलीटोल, फतेहा कलाली, रसीदपुर, अरबा, कादराबाद सहित सुदूर दियारा इलाके के ताड़ी दुकान की आड़ में देशी शराब की पाउच बेची जाती है। कहने में कोई कोताही नहीं है कि जिले के तमाम कम्पोजिट व प्रखंड स्तरीय शराब के दुकानदारों में शराब बेचने की प्रतियोगिता की ही देन है कि आज शराब को सर्व सुलभ बना दिया गया है।

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