Monday, December 8, 2008

घनघोर मचेगी अब देखो.

भाई जब बन जाता है
शत्रु अपने भाई का,
संवाद ख़तम हो जाता है
खून बहा दूँ भाई का
तब उसके मन में आता है.

विवेकहीन हो क्रोध के बस में
वाह्य शत्रु को मित्र बनाकर,
भाई का खून बहाने भाई
मेहमान बनकर आता है.

बही का खून बहा कर शत्रु
अन्यत्र पलायन कर जाता है,
भाई के खून का मुजरिम बनकर
भाई जेल चला जाता है.

शत्रु तब घर में घुस जाता
परिजन पर येह्शन जताता,
धौंश भी उनपर खूब जमाता
धन इज्जत पर हाथ लगता.

एक की वीवी वेव बनकर
दूजा बेबस कैदी बनकर,
बाह्य शत्रु का कैदी बनकर
अपनी करनी पर रोता है.

Thursday, October 30, 2008

fargi chequ मामले men rajad neta giraphtar

Oct 29, 08:25 pm

बछवाड़ा (बेगूसराय) पूर्व विधायक प्रतिनिधि सह राजद नेता उपेन्द्र यादव को पुलिस ने दीवाली की रात नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में मंडल कारा बेगूसराय भेज दिया। गिरफ्तार अभियुक्त पर फर्जी चेक के द्वारा जिला पार्षद अरविंद चौधरी का करीब 80 हजार रुपया ठगने के मामले का आरोप न्यायालय में दायर था। ज्ञात हो कि श्री चौधरी से अभियुक्त ने वर्ष 2006 में करीब 80 हजार का चेक देकर अनाज की खरीदारी की थी। बैंक ने यह कहकर चेक वापस कर दिया कि खाते में राशि नहीं है। राशि की उगाही नहीं होने पर श्री चौधरी ने अभियुक्त के खिलाफ नालसी दायर किया। अभियुक्त के खिलाफ न्यायालय से वारंट निर्गत था।

बाटने को आया रिक्शा सर रहा, रोजगार की तलाश में पलायन कर गया लाभुक

Oct 29, 08:25 pm

बछवाड़ा (बेगूसराय) एक ओर जहां बेरोजगार हाथों को काम नहीं मिल रहा है वहीं बीडीओ आवास परिसर में रखे रोजगार के संसाधन 'रिक्शे' अधिकारियों की लापरवाही के कारण बर्बाद हो रहे हैं। पंचायत समिति अंश के 22.5 प्रतिशत राशि से अनुसूचित जाति के लिए खरीदे गये 40 रिक्शे को विगत दो वर्षो से जंग खा रहे हैं। रिक्शे का बाहरी आवरण जहां सड़ चुका है वहीं उसके पार्ट्स-पुर्जो को जंग खा रहा है। इधर रिक्शा मिलने की आस लगाए बैठे अनुसूचित जाति के लाभार्थी निराश होकर रोजी-रोजगार की तलाश में एक बार फिर पलायन कर गए। लाभुकों का पलायन करना सम्पूर्ण रोजगार गारंटी योजना के मुंह पर करारा तमाचा है। सूत्र बताते हैं कि रिक्शे की खरीद में जमकर कमीशनखोरी की गई। नतीजतन संवेदक ने राशि के अनुपात में रिक्शे की आपूर्ति कर हाथ खड़े कर दिये। रिक्शा वितरण न होने का कारण पूछने पर प्रमुख ने बताया कि निविदा की शर्तो के मुताबिक संवेदक द्वारा रिक्शों की आपूर्ति नहीं की गई जिस कारण वितरण लंबित है। ज्ञात हो कि पंचायत समिति की विगत बैठक मे रिक्शा वितरण को लेकर सदस्यों ने सदन में जमकर बवाल भी काटा। बावजूद इसके वितरण की कार्रवाई सुनिश्चित नहीं हो पायी। इधर भाजपा के दीपू झा ने आरोप लगाया कि रिक्शा वितरण के नाम पर बिचौलियों द्वारा लाभुकों से अवैध उगाही भी की गई। श्री झा ने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग जिलाधिकारी से की है।

नाव दुर्घटना में तीन मरे.




Oct 29, 08:25 pm

बछवाड़ा (बेगूसराय) गंगा नदी के ढाब में नाव पलटने से डूब कर मरे आजाद नगर निवासी शिबू कहार 60 वर्ष, धर्मेन्द्र कुमार महतो 22 वर्ष का शव पुलिस ने 28 अक्टूबर की अहले सुबह बरामद कर लिया। ज्ञात हो कि सोशन महतो की 20 वर्षीया पुत्री भुल्ली कुमारी का शव 27 अक्टूबर की शाम में ही बरामद हो गसा थी। तीनों मृतक के शव मिलते ही ग्रामीणों ने मोहनियां ढाला के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 28 को जाम कर दिया। जिस कारण राजमार्ग पर सुबह छह बजे से आठ बजे तक परिचालन बाधित रहा। ग्रामीण मृतक के परिवारों को बाढ़ राहत कोष से प्रति परिवार डेढ़ लाख रुपए सहायता देने की मांग कर रहे थे। सूचना पाकर पहुंचे अनुमंडलाधिकारी रविकांत तिवारी ने लोगों को समझा बुझाकर जाम समाप्त कराया। श्री तिवारी ने पारिवारिक लाभ योजना के तहत एक सप्ताह के अंदर मृतकों के परिवार को दस-दस हजार रुपए के अलावा इंदिरा आवास देने की घोषणा की। मुखिया पूनम देवी द्वारा कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत दाह संस्कार हेतु प्रति परिवार 1500 रुपए नगद भुगतान किया गया।

Monday, October 20, 2008

बाल मजदूर कानून की उर रही धज्जी.

Oct 18, 08:53 pm

बछवाड़ा (बेगूसराय) बालश्रम निरोधक कानून का असर बछवाड़ा प्रखंड क्षेत्र में देखने को नहीं मिल रहा है। अक्टूबर 08 में लागू हुए इस कानून के दो वर्ष पूरे हो गए। बावजूद होटल, चाय दुकान, पंक्चर दुकान आदि जगहों पर बाल मजदूर का शोषण बदस्तूर जारी है। यहां तक कि प्रखंड कार्यालय में चाय पहुंचाने का काम बाल मजदूरों से कराया जाता है। परंतु श्रम प्रवर्तन अधिकारी व जन प्रतिनिधि के आंखों पर जमी परत के कारण इसे देख नहीं पाते।

बाल मजदूरों के काल्याणार्थ खोले गए विद्यालय में भी गैर बाल मजदूरों का नामांकन कर कागजी खानापूर्ति कर ली गई। 12 वर्षीय गब्बर कपड़े में काज बटन लगाने का काम करता है तो सोमनाथ, गोरखा स्कूल ड्रेस में जूठा प्लेट धोने को मजबूर है। प्राथमिक विद्यालय रानी पूर्वी का छात्र विक्रम व भूषण बूट पालिश कर रहा है तो प्राथमिक विद्यालय अरबा नवीन छात्र लालो, कुंदन, दीपक साग बेचने को मजबूर हैं। जो आज भी स्कूल नहीं जा पा रहे है। बाल मजदूरों की यह स्थिति देखकर भी अधिकारी अंजान बने हैं।

सूत्र बताते हैं कि इन होटलों से प्रतिवर्ष श्रम प्रवर्तन अधिकारी को नजराना स्वरूप चढ़ावा दिया जा रहा है। 18 मार्च 08 को महिला सोशल हेल्थ जागृति केन्द्र के सदस्यों द्वारा 18 बाल मजदूरों को दलालों के चंगुल से बछवाड़ा रेलवे स्टेशन पर मुक्त कराया जो सिर्फ अखबार का समाचार तक ही सिमट कर रह गया। संस्था के सचिव रश्मि सिंह बताती हैं कि प्रशासनिक उदासीनता के कारण बाल मजदूरों का शोषण हो रहा है। श्री सिंह ने जिलाधिकारी से हस्तक्षेप करने की मांग की।

Friday, October 17, 2008

ब्यापारी को लूटने का अशफल प्रयाश, पिस्टल की बात से सर फोर.

Oct 16, 08:52 pm

बछवाड़ा (बेगूसराय) थाना क्षेत्र के मोहनियां ढाला के समीप गुरुवार की सुबह आग्नेयास्त्र से लैस अपराधियों ने तगादा कर लौट रहे तेघड़ा बाजार के व्यवसायी सुरेन्द्र सिंह व मुनमुन पोद्दार को लूटने का असफल प्रयास किया। इस दौरान अपराधियों ने पिस्तौल के बट से प्रहार कर दोनों व्यवसायियों को जख्मी कर दिया। अपराधियों की संख्या तीन बतायी जा रही है। घटना के बारे में बताया गया कि दोनों व्यापारी बछवाड़ा बाजार से मोटर साइकिल संख्या बीआर9सी 7934 से तगादा कर वापस तेघड़ा लौट रहे थे। तभी मोहनियां ढाला के समीप पूर्व से घात लगाए अपराधियों ने रास्ता रोका व मारपीट शुरू कर दी। इसी दरम्यान मुनमुन पोद्दार जिसके पास राशि थी, अपराधियों को चकमा देकर फरार हो गया। घायल सुरेन्द्र सिंह का इलाज निजी नर्सिग होम में कराया गया। पूछताछ के दौरान सुरेन्द्र सिंह ने पुलिस को दिग्भ्रमित करते हुए इस घटना को दुर्घटना में तब्दील करने की कोशिश की। परंतु प्रत्यक्षदर्शियों ने इसे आपराधिक घटना करार दिया। वहीं मुनमुन राशि को सुरक्षित जगह रखने के बाद थाना आया और अपराधियों द्वारा लूटने का असफल प्रयास व मारपीट किये जाने की पुष्टि की। बहरहाल लूटेरों की दहशत से व्यापारियों द्वारा बार-बार बयान बदलना पुलिस को सकते में डाल रहा। पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गई है।

अबैध शराब का धंधा बदस्तूर जरी, पान दुकान पर शराब बेचते bachhe

Oct 14, 08:59 pm

बछवाड़ा (बेगूसराय) मधुवन, मधुशाला, छलकते जाम, प्यासा सावन, तृप्ति, साकिया, मैखाना और न जाने क्या-क्या। देशी, विदेशी व मसालेदार शराब की दुकान आज हर चौक-चौराहे की शोभा बढ़ा रही है। बावजूद इसके शराब माफिया द्वारा गली-गली में शराब की अवैध बिक्री बदस्तूर करायी जा रही है। ऐसी बात भी नहीं है कि इससे मद्य निषेध विभाग के अधिकारी या स्थानीय प्रशासन अनभिज्ञ हैं। बताया जाता है कि शराब का यह अवैध धंधा इन्हीं की छत्रछाया में चलाया जा रहा है। शराब का यह अवैध धंधा नियम कानून की धज्जी उड़ाते हुए मंदिर, मस्जिद व स्कूलों के निकटवर्ती क्षेत्र को भी नहीं बख्शा है। नारेपुर झमटिया ढाला जहां गंगा स्नान करने हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं वहां मंदिरों के आसपास अवैध शराब चाय-पान की दुकानों में भी उपलब्ध रहती है। आश्चर्य तो तब हुआ जब 12 वर्षीय एक बच्चा को देशी शराब का पाउच बेचते देख गया। नारेपुर पश्चिम बाजार, रानी, गोधना, सूरो, मुरलीटोल, फतेहा कलाली, रसीदपुर, अरबा, कादराबाद सहित सुदूर दियारा इलाके के ताड़ी दुकान की आड़ में देशी शराब की पाउच बेची जाती है। कहने में कोई कोताही नहीं है कि जिले के तमाम कम्पोजिट व प्रखंड स्तरीय शराब के दुकानदारों में शराब बेचने की प्रतियोगिता की ही देन है कि आज शराब को सर्व सुलभ बना दिया गया है।